खलील जिब्रान को पढ़ना खुद की आत्मा से बातें करने जैसा है। आप अपनी हर उलझन का हल उनकी सूक्तियों में ढूंढ़ सकते हैं। इस लिहाज से खलील जिब्रान को पढ़ना किसी उम्दा चिकित्सक से मिलने जैसा भी है। वे कौतूहल भी पैदा करते हैं, और उसे शांत भी। वे जीवन को समझाने की एक ऐसी मुकम्मल कुंजी हैं, जिसकी लिपि आपको जानी-पहचानी लगेगी। वे जिन्दगी के हर पहलू चाहे प्रेम हो, दोस्ती हो, रुसवाई हो, जन्म हो या कि मरण सभी पर कम से कम शब्दों में कुछ इस तरह व्याख्या करते हैं कि वह बहुत सहजता से पानी की तरह भीतर उतरती चली जाती है। उन्होंने प्रेम और दोस्ती पर जो लिखा या व्यक्त किया उसे जितना पढ़ो वह उतना कम ही जान पड़ता है।